Friday, August 12, 2011

जीवन में आया नया दौर......

जीवन में आया नया दौर,
ख़ुशी से चल पड़ी मैं उस ओर,
नए नए रिश्ते,
बन कर आये जीवन में फ़रिश्ते,
बड़ो का आशीर्वाद, बच्चो का प्यार,
बड़ी खुशनसीब हूँ मैं जो मिला इतना दुलार,
दादाजी का आशीष भरा सिर पर हाथ,
बनकर आया जीवन का वरदान,
पापाजी, मम्मीजी की सादगी और अपनापन,
विपुल भैया का शर्मीलापन और भोलापन,
जीजाजी की सादगी में मस्तिपन,
मोना दीदी की ढेर सारी बातें,
सिखा गयी क्या होते हैं रिश्ते नाते.......
जीवन में आया नया दौर,
ख़ुशी से चल पड़ी मैं उस ओर.......
चाचा , चाची की आँखों में पाया ढेर सारा प्यार और आशीर्वाद,
जो की हमेशा रहेगा मुझे याद,
प्रियंका की शरारती हंसाने वाली अदा,
पर हम हो गए पूरी तरह फ़िदा,
खुशबु की मीठी-मीठी प्यारी- प्यारी बात,
याद रहती है मुझे दिन रात,
मामी कहना अर्णव का तुतलाकर,
इस प्यारे क्षण ने सिखा दिया,
की अब में बड़ी हो गयी हूँ,
इन सब अनमोल रिश्तो को अपनाके....
जीवन में आया नया दौर,
ख़ुशी से चल पड़ी मैं उस ओर........
सचिन- आकांक्षा का साथ है ऐसा 
जैसे दिल और धड़कन,
शब्द भी कम पड़ जायेगे,
अगर करने लगू वर्णन,
जीवन में आया नया दौर,
ख़ुशी से चल पड़ी मैं उस ओर,
औरो को अभी मैं ज्यादा जान नहीं पायी,
लेकिन विश्वास है जितना जनूगी,
पाऊँगी क्या होती है रिश्तों की गहराई,
भगवान् से बस यही है प्रार्थना,
संजो कर रख पाऊ इन अनमोल रिश्तों का खज़ाना............
जीवन में आया नया दौर,
ख़ुशी से चल पड़ी मैं उस ओर......

एक है लड़का......


एक है लड़का                                                     
एकदम निराला
अपनी धुन में रहता है
सुनता सबकी 
करता मन की
हमेशा हँसता रहता है
आगे बढ़ने की चाह
कुछ कर दिखाने का जज्बा
सूरज सी रौशनी फैलाने की लगन 
आगे बढ़ते जाने का मन
मन का कोमल
वाक् पटुता
एक है लड़का 
एकदम निराला 
अपनी धुन में रहता है
सीधा सादा
मधुर व्यवहार
मीठी बोली
खुद पर विश्वास
एक है लड़का 
एकदम निराला 
अपनी धुन में रहता है
मदद करता सबकी
लेकिन कभी व्यक्त ना करता
जब कोई पूछे ,
बन जाता अनजान
दोस्तों संग मस्ती
बच्चों  संग बचपना
बड़ो संग गहरी बातें
अनगिनत गुणों की खान
एक है लड़का 
एकदम निराला 
अपनी धुन में रहता है
अपने को खुशकिस्मत समझू
जो आया मेरी जिंदगी में
ऐसा इंसान
खूब  उचाई पर ये पहुचे
पूरा हो इसका हर एक अरमान
एक है लड़का 
एकदम निराला 
अपनी धुन में रहता है....

Wednesday, August 10, 2011

Beautiful roses given by Sachin to Akansha........:)

 
प्यार  तुम  पर  आया  है  हमको, अब  हम  अपने  बस  में  नहीं  है 
जादू  ऐसा  छाया  है  हमपर , होश  नहीं  है  चैन  नहीं  है,
दीवानगी का आलम ये है , आँखे अपनी तुमको ही बस ढूंढ रही खोज रही है,
पागलपन  भी  चढ़ा है कुछ कुछ, मिलने को  बस तरस रहे हैं तड़प रहे हैं
नटखटपन ऐसा आया है,  बचपन  की  बातें सुन रहे हैं कर रहे हैं,
खुमार चढ़ा है प्यार का ऐसा,तड़प रहे हैं तरस रहे हैं
बैचेनी छाई रहती है हरदम, वक्त तो बस अब यादों के सहारे  काट रहे हैं बिता रहे हैं

Sachin opening gift in excitement