Tuesday, August 16, 2011

बड़ी खुशनसीब हूँ मैं.....

बड़ी खुशनसीब हूँ मैं ,
जो मिला है एक ऐसे साथी का साथ....
जो समझे मेरी दिल की हर बात,
कद्र करता है हर जस्बात
जो चाहता उसका साथी चले उसके साथ
बहुत ही ऊचे है इनके ख्यालात ......
मन करता करू इनसे हर दिल की बात 
बातों ही बातों में बीत जाते कहीं घंटे साथ
ख्यालों में रहते बस येही चाहे दिन हो या रात
हर बात को कहने का बहुत ही अलग अंदाज़
साथ इनका  बढाता मेरा मनोबल और आत्मविश्वास
इनका साथ ही है मेरी आजकल हर पल मुस्कराहट का राज़
ज़िन्दगी की बारीकियों का अनुभव इन्हें ख़ास
हर अदा पर इनकी हम करते है नाज़
सच होगा  इनका हर सपना मन में है विश्वास
सूरज सी रोशनी फैलेगी इनकी ,करेगे हर दिल पर राज़
भगवान् बचाए बुरी नज़र से , होगा सिर इनके बुलंदियों का ताज.....

2 comments:

  1. लोग अक्सर पूछते है मेरे महबूब के बारे में,
    पूछते है क्या है बात उनमे ख़ास कुछ हमको भी बताओ,
    कुछ तो कहते कुछ तो होगा ख़ास जो तुम खोये खोये रहते हो,
    बहना मेरी पूछे मुझसे, भूले तुम तो सब कुछ अब MADAM के ही होए हो,
    अब इनको क्या बताए महबूब कि खूबियों के बारे में,
    एक खूबी हो तो बताऊँ मैं क्या क्या इनको गिनवाऊ मैं,
    दुनिया से अलग है, कुछ अंदाज इसका अलग है ,
    जो इससे मिलता है वो बस इसका हो जाता है,
    प्रतिभाओं कि खान है, घर वालो कि जान है,
    दुनिया में अलग पहचान है, घमंड का ना नामो निशान है,
    यही मेरी कविताओं कि प्रेरणा है आजकल,
    बहानो ही बहानो मैं कर जाती तारीफ़ ये मेरी,
    मुझसे करती है प्यार, और मुझपर है दीवानी सी है,
    कहता था मैं कभी कि नहीं घूमूँगा मैं किसी के आगे पीछे ,
    बहुत बोलता था मैं कि कोई ना हमको मजनू राँझा बुलाएगा,
    पर जब से पाया है अपने महबूब का ये साथ निराला,
    जीवन लगने लगा है कुछ नया सा और प्यारा,
    दिल तो चाहता है कि अब तो बस आगे पीछे ही घूमू मैं,
    मन तो करता है कि नाम बदलकर मजनू-रांझा रख लूं मैं,
    दिल चाहता है कि ना सोंउ रात भर इसकी याद में,
    दिल तो ये भी चाहता है कि तुमको बताता चला जाऊं अपने महबूब के बारे में..........

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